July 5, 2024

Chandrayaan 3 के बाद ISRO के लिए अगला क्या है? | 2024 में पांच आगामी भारतीय अंतरिक्ष Mission

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Chandrayaan 3 Mission की सफल लॉन्च के बाद, ISRO कई अंतरिक्ष अन्वेषण Mission लॉन्च करने की योजना बना रहा है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सफलतापूर्वक Chandrayaan 3 Mission लॉन्च किया, जो 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर उतरा, जिसमें Chandrayaan 4 के विकास की बात पहले से ही अंतरिक्ष एजेंसी की चर्चा में है।

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Chandrayaan 3 Mission की शानदार सफलता और भारत के पहले सौर अवलोकन Mission आदित्य L1 के लॉन्च के बाद, ISRO अंतरिक्ष अन्वेषण मिशनों की एक Series शुरू करने के लिए तैयार है, जिससे देश के बाहरी अंतरिक्ष के बारे में ज्ञान को दूसरे स्तर पर ले जाया जा सके।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का Rocket Chandrayaan-3 अंतरिक्ष यान ले जा रहा है (फाइल फोटो) (ISRO)

आगामी ISRO अंतरिक्ष मिशनों की सूची

Gaganyaan 1

Gaganyaan का पहला Mission संयुक्त रूप से ISRO और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा तैयार किया गया है, जो जनवरी या फरवरी 2024 में उड़ान भरने के लिए तैयार है। गगनयान 1 भारत के मानवयुक्त अंतरिक्ष Mission की तैयारी के लिए एक परीक्षण उड़ान होगी, जिसमें तीन चालक दल के सदस्य होंगे।

INSAT 3DS

INSAT 3DS ISRO द्वारा विकसित भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली (INSAT) Series का एक हिस्सा है। इस Mission को अस्थायी रूप से जनवरी 2024 में लॉन्च किया जाएगा। उपग्रह का उद्देश्य मौसम प्रणाली, आपदा प्रबंधन और महत्वपूर्ण मौसम संबंधी पूर्वानुमानों पर नजर रखना और अधिक ज्ञान प्राप्त करना है।

NISAR

नासा-ISRO सिंथेटिक एपर्चर रडार (NISAR) नासा और ISRO के बीच एक संयुक्त परियोजना है, जहां दो अंतरिक्ष एजेंसियों ने मिलकर एक सिंथेटिक एपर्चर रडार उपग्रह लॉन्च करने के लिए साझेदारी की है। इसे जनवरी 2024 में लॉन्च किया जाएगा और यह पहला डुअल बैंड रडार इमेजिंग सैटेलाइट होगा।

X-Ray Polymerizer Satellite

X-Ray Polymerizer Satellite को 2024 के पहले कुछ महीनों में कक्षा में लॉन्च किया जाएगा, ताकि कॉस्मिक एक्स-रे के ध्रुवीकरण का अध्ययन किया जा सके, और यह कम से कम 5 साल तक रहेगा। इसका उपयोग पल्सर, ब्लैक होल एक्स-रे बायनरी, सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक और गैर-थर्मल सुपरनोवा अवशेषों को देखने के लिए किया जाएगा।

शुक्र ग्रह Orbiter Mission

शुक्र ग्रह Orbiter Mission में, ISRO देश के इतिहास में पहली बार शुक्र ग्रह की कक्षा में एक अंतरिक्ष यान लॉन्च करने की योजना बना रहा है। अंतरिक्ष यान शुक्र के वातावरण का अध्ययन करने के लिए पांच साल के लिए शुक्र की कक्षा में रहेगा और इसे 2025 में लॉन्च किया जाएगा।

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Chandrayaan 3 Mission FAQs

Chandrayaan 3 Mission के बाद ISRO की क्या योजनाएं हैं?

Chandrayaan 3 Mission की सफलता के बाद, ISRO कई अंतरिक्ष अन्वेषण Mission लॉन्च करने की योजना बना रहा है, जिनमें शामिल हैं:
INSAT 3DS: मौसम प्रणाली, आपदा प्रबंधन और महत्वपूर्ण मौसम संबंधी पूर्वानुमानों पर नजर रखने और अधिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए एक उपग्रह।
Gaganyaan 1: भारत के मानवयुक्त अंतरिक्ष Mission की तैयारी के लिए एक परीक्षण उड़ान।
NISAR: पहला डुअल बैंड रडार इमेजिंग सैटेलाइट।
X-Ray Polymerizer Satellite: कॉस्मिक एक्स-रे के ध्रुवीकरण का अध्ययन करने के लिए एक उपग्रह।
शुक्र ग्रह Orbiter Mission: शुक्र ग्रह की कक्षा में एक अंतरिक्ष यान लॉन्च करना और शुक्र के वातावरण का अध्ययन करना।

इन मिशनों का उद्देश्य क्या है?

इन मिशनों का उद्देश्य अंतरिक्ष के बारे में हमारे ज्ञान को बढ़ाना और भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण क्षमताओं को मजबूत करना है।

इन मिशनों को कब लॉन्च किया जाएगा?

इन मिशनों को 2024 और 2025 के बीच लॉन्च किया जाएगा।

इन मिशनों के लिए बजट क्या है?

इन मिशनों के लिए कुल बजट लगभग 10,000 करोड़ रुपये है।

इन मिशनों में कौन-सी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा?

इन मिशनों में कई अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिनमें शामिल हैं:
रडार इमेजिंग
एक्स-रे पोलिमेट्री
ऑर्बिटल मैनेजमेंट
अंतरिक्ष यान संचार

इन मिशनों से क्या लाभ होने की उम्मीद है?

इन मिशनों से कई लाभ होने की उम्मीद है, जिनमें शामिल हैं:
मौसम की भविष्यवाणी में सुधार
आपदा प्रबंधन में सुधार
अंतरिक्ष विज्ञान में नई खोजें
भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का विकास

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